कई बार ब्लॉग की जरूरत और गैर जरूरत को लेकर मित्रों से चर्चा हुई। हिन्दी भाषा में…
अपने बारे में कहने के लिए चलूँ तो यह पीपे का पुल मेरे जेहन में उतर आता…
बहुत पहले जब अपने को तलाश रहा था एक कविता लिखी थी- कुछ रूमानी- कसक और घबराहट…
क्या कहूँ की कविता ने लुभाया बहुत और लिखने की ताब भी पैदा की, पर लिखने की…