who love me in this world. But it is
otherwise with thy love which is greater than
theirs, and thou keepest me free.
Lest I forget them they never venture to
leave me alone. But day passes by after
day and thou art not seen.
If I call not thee in my prayers, If I keep
not thee in my heart thy love for me
still waits for my love. (Geetanjali : R.N.Tagore)
मेरे जग प्रिय रखते मुझको सब भाँति सुरक्षित बचा-बचा
पर विलग महत्तर प्रीति तुम्हारी मेरे हित स्वातंत्र्य रचा ।
उनमें न कभीं साहस ऐसा मुझको वे एकाकी छोड़ें
डर है कि न मैं भूलूँ उनको मन ही उनसे नाता तोड़े
पर तुम न दीख पड़ते प्रतिदिन बीतता जा रहा नाच नचा-
पर विलग महत्तर प्रीति तुम्हारी मेरे हित स्वातंत्र्य रचा ।
निज पंकिल विनय प्रार्थनाओं में भले न तुम्हें बुलाऊँ मैं
अपने अंतस्तल बीच तुम्हें प्राणेश न भले बिठाऊँ मैं
तव प्रेम तदपि मम प्रेम हेतु पथ जोहा करता रचा पचा –
पर विलग महत्तर प्रीति तुम्हारी मेरे हित स्वातंत्र्य रचा ।