अविरल गति: वीना की कविता
एक नदी अविरल गति से बहती जा रही थी इठलाती हुई, बलखाती हुई कुछ कहती जा रही थीसबको मोह रही…
एक नदी अविरल गति से बहती जा रही थी इठलाती हुई, बलखाती हुई कुछ कहती जा रही थीसबको मोह रही…
यम-सावित्री संवाद: पंचम दृश्य (जंगल का दृश्य। सत्यवान के हाथ में कुल्हाड़ी, कन्धे पर गमछा, सावित्री के हाथ में टोकरी…
सत्यवान का वन-गमन (महाराजा द्युमत्सेन की पवित्र स्थलीय आश्रम जैसी व्यवस्था। सावित्री पति के साथ सुख पूर्वक निवास करती है।…