“वसंत एक दूत है विराम जानता नहीं, संदेश प्राण के सुना गया किसे पता नहीं । पिकी…
अपनी कस्बाई संस्कृति में हर शाम बिजली न आने तक छत पर लेटता हूँ। अपने इस लघु…
मन का चैन है जिसके लिये खूब तैयारी करता हूँ। कुछ पाने, न पाने की बेचैनी, जीवन…
(Photo credit: Wikipedia) हमारे आर्य-साहित्य का जो ‘प्रथम पुरुष’ है, अंग्रेजी का ‘थर्ड पर्सन’ (Third Person), मैं…
Image taken from page 39 of ‘The Poetical Works of Percy Bysshe Shelley from the original editions….
तुम अब कालेज कभी नहीं आओगे। तुम अब इस सड़क, उस नुक्कड़, वहाँ की दुकान पर भी…