इस छलना में पड़ी रहूँ
प्रेम पत्रों का प्रेमपूर्ण काव्यानुवाद: छ: इस छलना में पड़ी रहूँ यदि तेरा कहना एक छलावा। तेरे शब्द मूर्त हों…
प्रेम पत्रों का प्रेमपूर्ण काव्यानुवाद: छ: इस छलना में पड़ी रहूँ यदि तेरा कहना एक छलावा। तेरे शब्द मूर्त हों…
प्रेमिका ने कहा था-“प्यार करते हो मुझसे?” प्रेमी ने कहा-“प्यार करने की वस्तु नहीं। मैं प्यार ’करता’ नहीं, ’प्यार-पूरा’ बन…
प्रेम पत्रों का प्रेमपूर्ण काव्यानुवाद: पाँच Capture of Love Letters अब तक जो मैं हठ करती थी, हर इन्सान अकेला…
Jyoti (Photo credit: soul-nectar) तुम ही पास नहीं हो तो इस जीवन का होना क्या है? मेरे मन ने खूब…
आँखें अपरिसीम हैं, संसृति का आधार है बिना दृष्टि का सृष्टि निवासी निराधार। ऑंखें बोती हैं देह-भूमि पर प्रेम-बीज इन…
मैं सपनों का फेरीवाला, मुझसे सपन खरीदोगे क्या? यह सपने जो चला बेचने, सब तेरे ही दिए हुए हैं,इन सपनों…