मेरी प्रविष्टि ’बस आँख भर निहारो मसलो नहीं सुमन को’ पर तरूण ने एक टिप्पणी दी –

 

सबसे जबरदस्त पहली लाइन’ । मेरे लिये एक नया दरीचा खुला । इस टिप्पणी ने टिप्पणीकारी को लेकर मेरे मन में जो बात चल रही थी, उसको आपके सामने  रखने का एक बहाना दे दिया । कई बार अनेकों ब्लॉग-प्रविष्टियों को पढ़ते हुए, एक-एक पंक्ति को स्पर्श करते हुए यह महसूस होता रहा कि उस प्रविष्टि की उन मूल्यवान स्वतंत्र पंक्तियों पर टिप्पणी की जाय जिन्होंने उस प्रविष्टि का सौन्दर्य निखार दिया है, और जिस पंक्ति विशेष से वह सम्पूर्ण प्रविष्टि ही नायाब बन गयी है । 

 

 

कई बार प्रविष्टि को पढ़ते हुए ऐसा भी होता है कि पूरे का पूरा आलेख अपनी सम्पूर्णता में मुझे आकृष्ट नहीं करता, और न ही मुझे टिप्पणी का प्रयोजन देता है, पर उस स्थिति में भी उस आलेख की कुछ पंक्तियाँ विचारणीय और मूल्यवान जान पड़ती हैं । और चूँकि उस चिट्ठे पर पहुँचकर बिना टिप्पणी किये वापस लौटना मन में एक अतृप्ति का अबूझ भाव भर जाता है, इसलिये केवल उस पंक्ति मात्र पर टिप्पणी कर मैं संतुष्ट भी हो जाता हूँ, और उस पंक्ति-विशेष का अर्थ-गौरव भी प्रतिष्ठित हो जाता है । इसके लिये मैं टिप्पणी-बॉक्स में उल्लेखनीय़ पंक्ति को उद्धृत कर टिप्पणी कर दिया करता हूँ । पर आज जब तरुण ने यह टिप्पणी की और उसी वक्त जब मैं आदरणीय द्विवेदी जी के तीसरा खंबा के एक आलेख को पढ़ने पहुँचा, तो वहाँ पंक्ति विशेष के महत्व अथवा उसकी आलोचना को रेखांकित करने वाली उस सुविधा की तरफ मेरा linebuzzध्यान गया, जिसे अपने ब्लॉग पर तो मैंने लगा रखा था पर दूसरे चिट्ठों पर वह सुविधा उपलब्ध न होने के कारण मैं पंक्ति पर टिप्पणी करने से वंचित हो जाया करता था । 

इस सुविधा का नाम लाइनबज़ (LineBuzz) है जो चिट्ठाकारों को पंक्ति पर टिप्पणी (Inline Blog Comments) की सुविधा प्रदान करती है । यद्यपि मेरा ब्लॉग-पठन सीमित है परन्तु अपने देखे हिन्दी चिट्ठों में केवल तीन ही चिट्ठे मुझे यह सुविधा उपयोग में लाते दिखे हैं -   दिनेश राय द्विवेदी जी का तीसरा खंबा, मोहन वशिष्ठ का ’मोहन का मन’ और पवन मल्लline_buzz_4 का ’लतीफे’ ।  मेरे भी ब्लॉग पर यह सुविधा आप लगी हुई देख सकते हैं । इस सुविधा के लिये आपको एक खाता बना कर उससे प्राप्त हुई जावास्क्रिप्ट को अपने चिट्ठे पर लगाना होगा,  और फिर आप इसका लाभ प्राप्त कर सकेंगे । इस बक्से के लग जाने के बाद आपकी किसी भी पोस्ट की पंक्ति विशेष पर टिप्पणी करने के लिये केवल उस पंक्ति को सेलेक्ट करना होगा, फिर सामने दिखेगी एक पंक्ति – ‘Post an inline Comment’ । कुछ ऐसी  (तीर देखिये ) -  linebuzz5इस पंक्ति पर क्लिक करते ही एक और बक्से में आपको लिखनी होगी अपनी टिप्पणी और पोस्ट कर देना होगा । यह तरीका काव्य प्रविष्टियों की अन्यान्य विशेषताओं और सीमाओं को स्पष्ट करने के लिये अत्यन्त लाभकारी प्रतीत होता है मुझे । रही इसकी तकनीकी तौर पर योग्यता और समर्थता की बात तो इसे तकनीकी सिद्धहस्तों के लिये छोड़ रहा हूँ । वही इसकी उपयोगिता और इसकी सीमाओं का पूरा विवरण आपको प्रदान करेंगे ।

यह रही वेबसाइट http://linebuzz.com/
खाता बनाने के लिये यहाँ क्लिक करें http://linebuzz.com/myBuzz/
कुछ तकनीकी बातें यहाँ जान लें http://linebuzz.com/getBuzzd/
ब्लॉग भी देखें http://blog.linebuzz.com/

 

बताना जरूरी है :  लाइव राइटर से लिख रहा हूँ । पता नहीं क्यों पैराग्राफ नहीं बदल पा रहा हूँ ।

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Last Update: June 19, 2021

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