नये साल में रामजी…
उल्लास की संभावनायें लेकर आता है नववर्ष । न जाने कितनी शुभाकांक्षायें, स्वप्न, छवियाँ हम सँजोते हैं मन में नये…
उल्लास की संभावनायें लेकर आता है नववर्ष । न जाने कितनी शुभाकांक्षायें, स्वप्न, छवियाँ हम सँजोते हैं मन में नये…
आज सुबह धूप जल्दी आ गयी नन्दू चच्चा को महीने भर का काम मिल गया छप्पर दुरुस्त हो गया आज…
करुणावतार बुद्ध- 1, 2, 3, 4, 5 ,6, 7 के बाद प्रस्तुत है आठवीं कड़ी… ब्राह्मण: इतनी विकलता क्यों वैरागी?…
If the day is done, if birds sing no more, if the wind has flagged tired, then draw the veil…
एक पन्ना मिला । पन्ने पर फरवरी २००७ लिखा है, इसलिये लगभग तीन साल पहले की एक अधूरी कविता प्रस्तुत…
करुणावतार बुद्ध- 1, 2, 3, 4, 5 ,6 के बाद प्रस्तुत है सातवीं कड़ी- पंचम दृश्य (राजकुमार सिद्धार्थ गहन निराशा और…