(Photo credit: soul-nectar) मैं रोज सबेरे जगता हूँ दिन के उजाले की आहट और तुम्हारी मुस्कराहट साफ़…
दीपावली की बधाई देते हुए अपने एक फौजी मित्र को शुभकामना-पत्र भेंजा था । आज वह मुझ…
Flowers (Photo credit: soul-nectar) कविता: प्रेम नारायण ’पंकिल’ जो बोया वही तो फसल काटनी है दिया लिख…
१) कविता उमड़ आयी अन्तर्मन में जैसे उतर आता है मां के स्तनों में दूध। २) कविता…
Hibiscus (Photo : soul-nectar) आंसू खूब बहें, बहते जांय हंसी नहीं आती, पर हंसी खूब आये तो…
मैंने कविता लिखी जिसमें तुम न थे तुम्हारी आहट थी और इस आहट में एक मूक छटपटाहट…