मैं देखना चाहता हूँ तुम्हें हर सुबह कि मेरा दिन बीते कुछ अच्छी तरह, कि मेरे कल्पना…
कुछ दिनों पहले एक भिक्षुक ने दरवाजे पर आवाज दी। निराला का कवि मन स्मृत हो उठा।…
बहुत पहले एक आशु कविता प्रतियोगिता में इस कविता ने दूसरी जगह पाई थी। प्रतियोगी अधिक नहीं…
रोने का एक दृश्य आंखों में भर गया । एक लडकी थी,रो रही थी । किसी ने…
मैंने तुम्हें औरतों से बतियाते कभीं नहीं देखा और न ही -मर्दों से ऐसा सुना- किसी औरत…
एक बाग़ है अनुभव का उसमें खिले हैं कुछ फूल ये फूल बरसों का निदाघ झेल कर…