प्रेम के अनेकानेक चित्र साहित्य में बहुविधि चित्रित हैं। इन चित्रों में सर्वाधिक उल्लेख्य प्रेम की असफलता…
मैं जिधर भी चलूँ मैं जानता हूँ कि राह सारी तुम्हारी ही है, पर यह मेरा अकिंचन…
एक दिन ब्रह्मा मिल जाते तो उनसे पूछता कुछ प्रश्न और अपनी जिज्ञासा शांत करता कि क्यों…
कल मेरे पास के घर की वृद्धा माँ को वृद्धाश्रम (Old-age Home) भेंज दिया गया। याद आ…
स्वीकार कर लिया काँटों के पथ को पहचाना फ़िर भी जकड़ लिया बहुरूपी झूठे सच को कुछ…
नये वर्ष के आगमन पर बहुत कुछ संजोया है मन में। सम्भव है नए साज बनें हृदय…