Category

नाटक

नाटक श्रेणी के अन्तर्गत भारतवर्ष के महानतम चरित्रों के जीवन एवं उनके जीवन की घटनाओं पर आधारित एकांकी व नाटक श्रेणीबद्ध हैं। सच्चा शरणम् पर महापुरुषों, प्रेरक चरित्रों एवं महनीय ऐतिहासिक व्यक्तित्वों पर आधारित नाटक प्रकाशित हैं। महात्मा बुद्ध, सावित्री-सत्यवान, कृष्ण सुदामा, सत्य हरिश्चन्द्र एवं नल दमयन्ती के चरित्र को केन्द्र बनाकर विशिष्ट प्रस्तुतियाँ इस ब्लॉग की उपलब्धि हैं।

नाटक, सुदामा

बतावत आपन नाम सुदामा: तीन

कृष्ण सुदामा का मिलन

इस प्रविष्टि में कृष्ण सुदामा का मिलन है, भाव की अजस्र धारा है। पिछली प्रविष्टियों  ’बतावत आपन नाम सुदामा – एक और दो से आगे। कृष्ण सुदामा का मिलन (प्रहरी राजमहल में प्रवेश करता है। प्रभु मखमली सेज पर शांत…

नाटक, सुदामा

बतावत आपन नाम सुदामा: दो

पिछली प्रविष्टि बतावत आपन नाम सुदामा: एक से आगे। इस प्रविष्टि में द्वारिकापुरी में सुदामा की उपस्थिति एवं सखा कृष्ण का औत्सुक्य, फिर मिलन-संदेश के उपक्रम में संवादों की प्रभावान्विता दर्शनीय है। दृश्य द्वितीय: द्वारिकापुरी में सुदामा (द्वारिकापुरी का दृश्य।…

नाटक, सुदामा

बतावत आपन नाम सुदामा: एक

दृश्य प्रथम: सुदामा की कुटिया (सुदामा की जीर्ण-शीर्ण कुटिया। सर्वत्र दरिद्रता का अखण्ड साम्राज्य। भग्न शयन शैय्या। बिखरे भाण्ड, मलिन वस्त्रोपवस्त्रम। एक कोने विष्णु का देवविग्रह। कुश का आसन। धरती पर समर्पित अक्षत-फूल। तुरन्त देवार्चन से उठे सुदामा भजन गुनगुना…

नल दमयंती, नाटक

नल दमयंती: दमयंती स्वयंवर

दमयंती स्वयंवर : पंचम दृश्य (दमयंती स्वयंवर का महोत्सव। नृत्य गीतादि चल रहे हैं। राजा महाराजा पधार रहे हैं। सब अपने अपने निवास स्थान पर यथास्थान विराजित होते हैं। सुन्दरी दमयंती अपनी अंगकांति से राजाओं के मन और नेत्रों को…

नल दमयंती, नाटक

नल दमयंती: स्वयंवर की तैयारी

नल: (उसकी बाहें पकड़कर सम्हालते हुए तथा आँसू पोंछते हुए) सुकुमारी! रोना अशुभ है, अतः मत रोओ। यदि मेरे अपराध के कारण तुम रो रही हो तो उस अपराध के लिए राजा नल हाथ जोड़कर क्षमा माँगता है। निष्कारण क्रोध…

नल दमयंती, नाटक

नल दमयंती: प्रथम मिलन

नल दमयंती: तृतीय दृश्य (रनिवास का दृश्य। नल चकित होकर रनिवास देखता है। दमयंती का प्रवेश।) दमयंती: हे वीराग्रणी! आप देखने में परम मनोहर और निर्दोष जान पड़ते हैं। पहले अपना परिचय तो बतायें! आप यहाँ किस उद्देश्य से आये…

नल दमयंती, नाटक

नल दमयंती: प्रारंभ

प्रथम दृश्य (राजमहल का दृश्य। निषध नरेश नल विदर्भ राजकुमारी दमयंती के विवाह के लिए आयोजित स्वयंवर में जाने से पूर्व अपने कुलगुरु से आशीर्वाद के लिए प्रस्तुत होते हैं। कुलगुरु को प्रणाम करते हैं।) कुलगुरु: कल्याण हो राजन्‌! हे…

नाटक, सावित्री

सावित्री: यम-सावित्री संवाद

यम-सावित्री संवाद: पंचम दृश्य (जंगल का दृश्य। सत्यवान के हाथ में कुल्हाड़ी, कन्धे पर गमछा, सावित्री के हाथ में टोकरी और पानी का बर्तन) सत्यवान: सुखदायिनी! टोकरियों में पहले फल भर लिया जाय, फिर समिधा काटता हूँ। (वृक्ष पर चढ़ता…

नाटक, सावित्री

सावित्री: सत्यवान का वन-गमन

सत्यवान का वन-गमन (महाराजा द्युमत्सेन की पवित्र स्थलीय आश्रम जैसी व्यवस्था। सावित्री पति के साथ सुख पूर्वक निवास करती है। आभूषण उतार कर रख देती है और गैरिक वसना हो जाती है। पति सास-ससुर की सेवा कर उन्हें प्रसन्न रखती…

नाटक, सावित्री

सावित्री: विवाह निश्चय

सावित्री: विवाह निश्चय: तृतीय दृश्य (महाराजा अश्वपति का राजदरबार। बन्दी विरद गान कर रहे हैं। आमोद-प्रमोद का हृदय हारी दृश्य। देवर्षि नारद का प्रवेश।) नारद: नारायण! नारायण!महाराजा: देवर्षि के चरणों में राजदरबार सहित अश्वपति का प्रणाम स्वीकार हो। आसन ग्रहण…