सौन्दर्य लहरी का हिन्दी भाव रूपांतर त्वदीयं सौंदर्यं तुहिनगिरि कन्ये तुलयितुं ।कवींद्राः कल्पंते कथमपि विरिंचि प्रभृतयः ॥यदालोकौत्सुक्यादमरललना…
साहित्य क्यों? (Why Literature ?): मारिओ वर्गास लोसा (Mario Vargas Llosa) प्रस्तुत है पेरू के प्रख्यात लेखक…
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