Geetanjali: Tagore
He came and sat by my side but I
woke not. What a cursed sleep it was,
O miserable me!
He came when the night was still;he
had his harp in his hands and
my dreams became resonant with its
melodies.
Alas! Why are my sights all thus lost?
Ah, Why do I ever miss his sight
whose breath touches my sleep ?
Hindi Translation: Pankil
वह आया आ बैठ गया अत्यन्त हमारे पास
गयी न हाय निगोड़ी निद्रा मैं हतभाग्य उदास ।
निशा शांत थी थी उसके करतल में शोभित वीण
सजा हुआ था मधुर गीत का स्वर संधान प्रवीण
वीण–राग में राग मिलाया स्वप्नों ने सोल्लास –
गयी न हाय निगोड़ी निद्रा मैं हतभाग्य उदास ।।
हाय चूक क्यों व्यर्थ हो गयी मेरी सारी रात
चूक–चूक जाती क्यों ‘पंकिल‘उसकी दर्शन बात
छू जाती निद्रा को उसकी हाय निकटतम श्वांश–
गयी न हाय निगोड़ी निद्रा मैं हतभाग्य उदास ।।
हाय चूक क्यों व्यर्थ हो गयी मेरी सारी रात
चूक-चूक जाती क्यों ‘पंकिल’उसकी दर्शन बात
छू जाती निद्रा को उसकी हाय निकटतम श्वांश-
गयी न हाय निगोड़ी निद्रा मैं हतभाग्य उदास ।।
wastvikta ke nikat hai
वाह ! अतिसुन्दर कविता और बहुत ही सुंदर भावानुवाद.मन मुग्ध हो गया पढ़कर .आपका बहुत बहुत आभार.