१)
कविता
उमड़ आयी अन्तर्मन में
जैसे उतर आता है
मां के स्तनों में दूध।
२)
कविता का छन्द
सध गया वैसे ही
जैसे स्काउट की ताली में
मन का उत्साह।
३)
कविता का शब्द
सज गया बहुविधि
जैसे बनने को माला
सजते हैं फूल।
४)
कविता का अर्थ
शब्दों के अन्तराल में निखर गया
जैसे रिश्ते
दोनों छोर के तनाव में।
५)
कविता का राग
बरस गया जीवन में
जैसे बरसती है ईश-कृपा
अकिंचन संसार में।
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