11

Arattai – संदेश और संवाद माध्यमों का स्वदेशी संस्करण

By Himanshu Pandey

आत्मनिर्भर भारत के गुंजित स्वर में प्रधानमंत्री के स्वदेशी अपनाने के आह्वान का ऐसा असर हुआ कि भारतीय ऐप Arattai…

203

आशीष त्रिपाठी का काव्य संग्रह शान्ति पर्व

By Himanshu Pandey

शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन ही मन संवाद की आदत है। पहली बार यह…

224

गुरु गोरखनाथ की बानी – मेरा गुरु तीन छंद गावै

By Himanshu Pandey

महान संत, योगी एवं नाथ संप्रदाय के संस्थापक गुरु गोरखनाथ की गोरखबानी में गुरु की महिमा एवं गुरु-शिष्य के संबंधों…

50

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या निरंकुशता

By Himanshu Pandey

अभिव्यक्ति, मनुष्य का नैसर्गिक गुण, जिससे हमारे विचार, हमारी भावनायें और हमारे अनुभव प्रकट होते हैं। कला, संगीत, साहित्य एवं…

89

ब्रश करती तुम्हारी अंगुलियाँ (कविता)

By Himanshu Pandey

कितना सुंदर हैब्रश करती तुम्हारी अंगुलियों का कांपनाकभी सीधे,कभी ऊपर-नीचेकभी धीमी कभी तेज गति सेजैसे थिरकता है मुसाफिरकिसी पहाड़ी राह…

Exit mobile version