नन्दू चच्चा को
महीने भर का काम मिल गया
छप्पर दुरुस्त हो गया
आज बगल वाली शकुन्तला का
“सर्दी नहीं पड़ेगी” की भविष्यवाणी
फेल हो गयी – पन्ना बाबा चहक उठे
रेखवा की अम्मा ने
पहली बार ओढ़ ली शाल
और आज पहली बार
लछमिनियाँ ने बेच दिया पूरा अमरूद
कोआपरेटिव पर आज मिलने लगी खाद
किसी का सिर नहीं फूटा किरासन की लाइन में
जॉब-कार्ड पर पहली बार अंकित हुआ काम
सोहन भईया ने बो दिया गेंहूँ
धान घर आ गया आज
अखबार में पढ़ा – “दो घंटे अधिक रहेगी बिजली “
आज पहली बार बाजार साफ किया सफाईकर्मी ने
आज प्रधान जी ने नहीं कटने दिया एक पेड़
बाहर की धूप मेरे आँगन में उतर आयी
मन का धुँआ गुम हो गया कहीं
शुभ संभाव्य की प्रस्तावना ने रोमांच दिया
अन्तर में सज गया सुभाषित
आज मेरे आँवले के वृक्ष ने टपकाये कुछ फल
खिल गया सुर्ख लाल गुलाब पहली बार पौधे पर
मन हुआ उल्लसित
शायद
आज मैं मिलूँगा तुमसे !
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