Literary Classics

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सुबह की प्रार्थना : निस्सीम ईजीकेल

By Himanshu Pandey

जितना मेरा अध्ययन है उसमें भारतीय अंग्रेजी लेखकों में निस्सीम ईजीकेल का लेखन मुझे अत्यधिक प्रिय है। ईजीकेल स्वातंत्र्योत्तर भारतीय…

मुझे प्रेम करने दो केवल मुझे प्रेम करने दो ..

By Himanshu Pandey

जॉन डन (John Donne) की कविता ’द कैनोनाइजेशन’ (The Canonization) का भावानुवाद परमेश्वर के लिये मौन अपनी रसना रहने दो…

पराजितों का उत्सव : एक आदिम सन्दर्भ (पानू खोलिया)-१

By Himanshu Pandey

अपने नाटक ’करुणावतार बुद्ध’ की अगली कड़ी जानबूझ कर प्रस्तुत नहीं कर रहा । कारण, ब्लॉग-जगत का मौलिक गुण जो…

मुक्तिबोध की हर कविता एक आईना है

By Himanshu Pandey

“मुक्तिबोध की हर कविता एक आईना है- गोल, तिरछा, चौकोर, लम्बा आईना। उसमें चेहरा या चेहरे देखे जा सकते हैं ।…

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