को सजनी निलजी न भई, अरु कौन भटू जिहिं मान बच्यौ है

By Himanshu Pandey

१. (राग केदार) पकरि बस कीने री नँदलाल। काजर दियौ खिलार राधिका, मुख सों मसलि गुलाल॥ चपल चलन कों अति…

Exit mobile version