मैंने सोचा मेरी यात्रा का हुआ अन्त..(गीतांजलि का भावानुवाद)
Geetanjali: Tagore I thought that my voyage had come to its end at the last limit of my power, –…
Geetanjali: Tagore I thought that my voyage had come to its end at the last limit of my power, –…
मैं जानता हूँ तुम्हारे भीतर कोई ’क्रान्ति’ नहीं पनपती पर बीज बोना तुम्हारा स्वभाव है। हाथ में कोई ‘मशाल’ नहीं…
सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्य रूपांतर स्वदेहोद्भूताभिर्घृणिभिरणिमाद्याभिरभितो,निषेवे नित्ये त्वामहमिति सदा भावयति यः।किमाश्चर्यं तस्य त्रिनयनसमृद्धिं तृणयतो,महासंवर्ताग्निविरचयति नीराजनविधिं ॥95॥स्वशरीरोद्भूत किरणसमूहअणिमादिक सुसेवितजो स्वरूप…
सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्य रूपांतर नखैर्नाकस्त्रीणां करकमलसङ्कोचशशिभिःतरूणां दिव्यानां हसत इव ते चण्डि चरणौ।फलानि स्वःस्थेभ्यः किसलय-कराग्रेण ददतांदरिद्रेभ्यो भद्रां श्रियमनिशमह्नाय ददतौ…
१. (राग केदार) पकरि बस कीने री नँदलाल। काजर दियौ खिलार राधिका, मुख सों मसलि गुलाल॥ चपल चलन कों अति…