प्रसंगवश

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डायोजिनीज़ (Diogenes) का एक प्रेरक प्रसंग

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

डायोजिनीज़ (Diogenes) के जीवन से जुड़ा यह प्रेरक प्रसंग शान्तचित्त रहने के अभ्यास को रेखांकित करता है। मनुष्य का स्वभाव…

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ग्रीष्म गरिमा: कवि सत्यनारायण- दो

ग्रीष्म शृंखला में ब्रजभाषा से निकली यह ग्रीष्म गरिमा  आपके सम्मुख है, कवि हैं अल्पज्ञात कवि सत्यनारायण। पहली कड़ी के…

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वैवाहिक सप्तपदी: वर वचन

By Himanshu Pandey

वैवाहिक सप्तपदी: वर वचन हौं गृह-ग्राम रहौं जब लौं तब लौं ही तू साज सिंगार सजौगी।भाँतिन-भाँति के हास-विलास कुतूहल क्रीड़ा…

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वैवाहिक सप्तपदी: कन्या वचन

By Himanshu Pandey

वैवाहिक सप्तपदी: कन्या-वचन देवनि देवि अनेकन पूजि कियो जग जीवन पुण्य घना। निज अर्चन वंदन पुण्य-प्रताप ते पायौ तुम्हें अब…

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