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सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 16-18)

By Himanshu Pandey

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी भाव रूपांतर कवीन्द्राणां चेतःकमलवनबालातपरुचिंभजन्ते ये सन्तः कतिचिदरुणामेव भवतीम् ।विरिंचिप्रेयस्यास्तरुणतरश्रृंगारलहरी-गभीराभिर्वाग्भिर्विदधति सतां रंजनममी ॥16॥ कमल कानन सदृशकविवर चित्त…

सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 12-15)

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी भाव रूपांतर त्वदीयं सौंदर्यं तुहिनगिरि कन्ये तुलयितुं ।कवींद्राः कल्पंते कथमपि विरिंचि प्रभृतयः ॥यदालोकौत्सुक्यादमरललना यांति मनसा ।तपोभिर्दुष्प्रापामपि…

पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि (The Premature Obituary of the Book)-7

By Himanshu Pandey

प्रस्तुत है पेरू के प्रख्यात लेखक मारिओ वर्गास लोसा के एक महत्वपूर्ण, रोचक लेख The Premature Obituary of the Book:…

पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि (The Premature Obituary of the Book)-6

By Himanshu Pandey

प्रस्तुत है पेरू के प्रख्यात लेखक मारिओ वर्गास लोसा के एक महत्वपूर्ण, रोचक लेख का हिन्दी रूपान्तर। ‘लोसा’ साहित्य के…

पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि (The Premature Obituary of the Book)-5

By Himanshu Pandey

वे लोग जो अपनी नियति से ही संतुष्ट हैं, अपने उसी जीवन से संतोष कर लेते हैं जैसा वे जी…

पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि: साहित्य क्यों?-4

By Himanshu Pandey

पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि: साहित्य क्यों? – मारिओ वर्गास लोसा साहित्य ने अपनी ग्राह्यता प्रेम इच्छाओं और काम-कलापों में भी…

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