प्रणय-पीयूष-घट हूँ मैं
Sarracenia © Karen Hall प्रणय-पीयूष-घट हूँ मैं। आँख भर तड़ित-नर्तन देखता मेघ-गर्जन कान भर सुनता हुआ पी प्रभूत प्रसून-परिमल …
Sarracenia © Karen Hall प्रणय-पीयूष-घट हूँ मैं। आँख भर तड़ित-नर्तन देखता मेघ-गर्जन कान भर सुनता हुआ पी प्रभूत प्रसून-परिमल …
आचार्य शंकर की दिग्विजय का एक मर्मस्पर्शी कथा प्रसंग दृश्य प्रथम प्रत्यक्ष के लिए प्रमाण चाहते हो संन्यासी?” तांत्रिक अभिनव…
टैगोर The child who is decked with prince’s robes and who has jeweled chains round his neck looses all pleasure…
नाट्य-प्रस्तुतियों के इसी क्रम में प्रस्तुत है अनुकरणीय चरित्र ’राजा हरिश्चन्द्र’ पर लिखी प्रविष्टियाँ। सिमटती हुई श्रद्धा, पद-मर्दित विश्वास एवं…
ग्रीष्म शृंखला में ब्रजभाषा से निकली यह ग्रीष्म गरिमा आपके सम्मुख है, कवि हैं अल्पज्ञात कवि सत्यनारायण। पहली कड़ी के…
गर्मी की बरजोरी ने बहुतों का मन थोर कर दिया है, मेरा भी। वसंत का मगन मन अगन-तपन में सिहुर-सा…