जल ही जीवन का सम्बल है
अप् सूक्त : [जल देवता ]ऋचा –शं नो देवीर् अभिष्टय आपो भवन्तु पीतयेशं योर् अभिस्रवन्तु नः ….- –ऋग्वेद —————————————– जल…
अप् सूक्त : [जल देवता ]ऋचा –शं नो देवीर् अभिष्टय आपो भवन्तु पीतयेशं योर् अभिस्रवन्तु नः ….- –ऋग्वेद —————————————– जल…
राखी बीत गयी। बहुत कुछ देखा, सुना, अनुभूत किया- पर एक दृश्य अनावलोकित रह गया, एक अनुभव फिसल गया। मेरे…
मैं चिट्ठाकार हूँ, पर … हिन्दी ब्लॉगिंग के धुरंधर लिक्खाड़ों की लेखनी पर सहज प्रकाश डालने का लघु उद्यम है।…
हिन्दी साहित्य के उज्ज्वल नक्षत्र राष्ट्रकवि श्री मैथिली शरण गुप्त का जन्मदिवस है कल। प्रस्तुत है उनका प्रसिद्ध और विख्यात…
मुंशी प्रेमचन्द की कहानी गमी मुझे जब कोई काम- जैसे बच्चों को खिलाना, ताश खेलना,, हारमोनियम बजाना, सड़क पर आने…
हे प्रेम-विग्रह !एक द्वन्द्व है अन्तर्मन में,दूर न करोगे ? मेरी चेतना के प्रस्थान-बिन्दु परआकर विराजो, स्नेहसिक्त !कि अनमनेपन से…