शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन ही मन संवाद की आदत है।…
एक बाग़ हैअनुभव काउसमें खिले हैं कुछ फूलये फूल बरसों का निदाघझेल कर बड़े हुएये फूल समय…
शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन ही मन संवाद की आदत है।…
एक बाग़ हैअनुभव काउसमें खिले हैं कुछ फूलये फूल बरसों का निदाघझेल कर बड़े हुएये फूल समय…