विश्वास के घर में
अमरुद का एक पेंड़ था
एक दिन
उस पेंड़ की ऊँची फ़ुनगी पर
एक उल्लू बैठा दिखा,
माँ ने कहा- ‘उल्लू’
पिता ने कहा- ‘अशुभ, अपशकुन’,
फ़िर
पेंड़ कट गया।
अब, उल्लू
तीसरी मंजिल की
मुंडेर पर बैठता है।
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