चाहता करूँ अन्ततः स्वयं को ही उसके कर में अर्पण
I am only waiting for love to give myself at last into his hands. That is whyit is so late…
I am only waiting for love to give myself at last into his hands. That is whyit is so late…
टिप्पणीकारी को लेकर काफी बातें करते रहने की जरूरत हमेशा महसूस होती है मुझे । मैं इस चिट्ठाजगत में टिप्पणीकारी…
मेरी प्रविष्टि ’बस आँख भर निहारो…
बस आँख भर निहारो मसलो नहीं सुमन कोसंगी बना न लेना बरसात के पवन को । वह ही तो है…
ब्लॉगवाणी का चिट्ठा संकलकों में एक प्रतिष्ठित स्थान है । ज्यादातर चिट्ठों के अनेकों पाठक इस संकलक के माध्यम से…
अज्ञेय की पंक्ति- “मैं अकेलापन चुनता नहीं हूँ, केवल स्वीकार करता हूँ”- मेरे निविड़तम एकान्त को एक अर्थ देती हैं।…