तुम्हीं मिलो, रंग दूँ तुमको, मन जाए मेरा फागुन

By Himanshu Pandey

जग चाहे किसी महल में अपने वैभव पर इतराएया फिर कोई स्वयं सिद्ध बन अपनी अपनी गाएमौन खड़ी सुषमा निर्झर…

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