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नवागत प्रविष्टियाँ

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गुरु गोरखनाथ की बानी – मेरा गुरु तीन छंद गावै

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

महान संत, योगी एवं नाथ संप्रदाय के संस्थापक गुरु गोरखनाथ की गोरखबानी में गुरु की महिमा एवं गुरु-शिष्य के संबंधों…

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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या निरंकुशता

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

अभिव्यक्ति, मनुष्य का नैसर्गिक गुण, जिससे हमारे विचार, हमारी भावनायें और हमारे अनुभव प्रकट होते हैं। कला, संगीत, साहित्य एवं…

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ब्रश करती तुम्हारी अंगुलियाँ (कविता)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

कितना सुंदर हैब्रश करती तुम्हारी अंगुलियों का कांपनाकभी सीधे,कभी ऊपर-नीचेकभी धीमी कभी तेज गति सेजैसे थिरकता है मुसाफिरकिसी पहाड़ी राह…

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डायोजिनीज़ (Diogenes) का एक प्रेरक प्रसंग

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

डायोजिनीज़ (Diogenes) के जीवन से जुड़ा यह प्रेरक प्रसंग शान्तचित्त रहने के अभ्यास को रेखांकित करता है। मनुष्य का स्वभाव…

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तुम्हीं मिलो, रंग दूँ तुमको, मन जाए मेरा फागुन

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

जग चाहे किसी महल में अपने वैभव पर इतराएया फिर कोई स्वयं सिद्ध बन अपनी अपनी गाएमौन खड़ी सुषमा निर्झर…