Ramyantar

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अपने प्रेम-पत्र में यही तो लिखा मैंने….

By Himanshu Pandey

“जीवन के रोयें रोयें कोमिलन के राग से कम्पित होने दो,विरह के अतिशय ज्वार कोठहरा दो कहीं अपने होठों पर,दिव्य…

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