Ramyantar

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तुम्हारी याद आती है चले आओ, चले आओ (तुलसी जयंती पर तुलसी-स्मरण )

By Himanshu Pandey

आज तुलसी जयंती है । इन पंक्तियों के साथ इस विराट पुरुष का स्मरण कर रहा हूँ – अहो, नंदन…

आज मिललैं श्याम सावनी विहान में (कजरी 3)

By Himanshu Pandey

नाग-पंचमी की शुभकामनाओं सहित कजरी की इस प्रस्तुति के साथ यह कजरी-श्रृंखला समाप्त कर रहा हूँ – आज मिललैं श्याम…

बड़ा लागै नीक सखी ना ..(कजरी 2)

By Himanshu Pandey

श्याम हसलैं बोललैं बइठ के नजदीक सखीबड़ा लागै नीक सखी ना ॥ चमकै लिलरा जस अँजोरियादमकै बिजुरी अस दँतुरिया,मोहे अधरन…

मैं कैसे प्रेमाभिव्यक्ति की राह चलूँ .

By Himanshu Pandey

तुम आयेविगत रात्रि के स्वप्नों में श्वांसों की मर्यादा के बंधन टूट गयेअन्तर में चांदनी उतर आयीजल उठी अवगुण्ठन में…

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