Ramyantar

281   Articles in this Category
Explore

मैं समर्पित साधना की राह लूँगा…

By Himanshu Pandey

मुझसे मेरे अन्तःकरण का स्वत्वगिरवी न रखा जा सकेगाभले ही मेरे स्वप्न,मेरी आकांक्षायेंसौंप दी जाँय किसी बधिक के हाँथों कम…

पर्यावरण के प्रति प्रेम का अनूठा प्रतीक-बंधन

By Himanshu Pandey

राखी बीत गयी । बहुत कुछ देखा, सुना, अनुभूत किया – पर एक दृश्य अनावलोकित रह गया, एक अनुभव फिसल…

मैथिली शरण गुप्त के जन्मदिवस (3 अगस्त) पर

By Himanshu Pandey

हिन्दी साहित्य के उज्ज्वल नक्षत्र राष्ट्रकवि श्री मैथिलीशरण गुप्त का जन्मदिवस है कल। प्रस्तुत है उनका प्रसिद्ध और विख्यात गीत,…

तुम्हें कौन प्यार करता है ?

By Himanshu Pandey

हे प्रेम-विग्रह !एक द्वन्द्व है अन्तर्मन में,दूर न करोगे ? मेरी चेतना के प्रस्थान-बिन्दु परआकर विराजो, स्नेहसिक्त !कि अनमनेपन से…

Exit mobile version