अभी तक मैं चल रहा हूँ, चलता ही जा रहा हूँ

By Himanshu Pandey

(१) “बहुत दूर नहीं बहुत पास “ कहकर तुमने बहका दिया मैं बहक गया । (२) “एक,दो,तीन…..नहीं शून्य मूल्य-सत्य है…

मेरे समय की पहचान या सफल होने के नुस्खे

By Himanshu Pandey

मैंने अपने समय को पहचानने की कोशिश की। मुझे लगा समय समाज को अतिक्रमित नहीं करता- उसे व्यक्त करता है।…

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