Hibiscus (Photo : soul-nectar) |
आंसू खूब बहें, बहते जांय
हंसी नहीं आती,
पर हंसी खूब आये
तो आंखें भर-भर जाती हैं
आंसू आ जाते हैं आंखों में।
कौन-सा संकेत है यह प्रकृति का?
वस्तुतः कितना विलक्षण है
हंसी का यह गुण
जो तत्वतः
मात्रा की अपेक्षा करता है
तो जिस परिस्थिति के किसी गुण पर
हमें आती हंसी है
यदि मात्रा में वृद्धि हो जाय उसके
हम रोने लगेंगे।
हाय, कैसा अनोखा
यह हंसी का व्यवहार है!
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