जितनी मेरी बिसात है काम आ रहा हूँ मैं ….
क्या कहेंगे आप इसे ? संघर्ष ? समर्पण ? निष्ठा ? जिजीविषा ? आसक्ति ? या एक धुन ? मैं…
क्या कहेंगे आप इसे ? संघर्ष ? समर्पण ? निष्ठा ? जिजीविषा ? आसक्ति ? या एक धुन ? मैं…
जागो मेरे संकल्प मुझमें कि भोग की कँटीली झाड़ियों में उलझे, भरपेट खाकर भी प्रतिपल भूख से तड़पते स्वर्ण-पिंजर युक्त…
तुम आते थे मेरे हृदय की तलहटी में मेरे संवेदना के रहस्य-लोक में मैं निरखता था- मेरे हृदय की श्यामल…
यथार्थ और अनुभूति के विरल सम्मिश्रण से निर्मित कविता के कवि डॉ० सीताकांत महापात्र का जन्मदिवस है आज। हिन्दी जगत…
अद्भुत छलाँग । अद्भुत फिल्मांकन । अद्भुत प्रस्तुति । यहाँ देखा, इच्छा हुई, साभार प्रस्तुत है –
Art thou abroad on this stormy night on the journey of love, my friend ? The sky groans like one…