Geetanjali: R.N. Tagore
I have had my invitation to this world
festival, and thus my life has
been blessed. My eyes have seen
and my ears have heard.
It was my part at this feast to play
upon my instrument, and I have done
all I could.
Now, I ask, has the time come at last
when I may go in and see thy face
and after thee my silent salutation?
Hindi Translation: Pankil
जगत के उत्सव में श्रीमान्
निमंत्रण मिला तुम्हारा प्राण।
मिल गया जीवन को आशीष
तुम्हारी जय हो जय हो ईश॥
नयन ने देख लिया स्वयमेव
श्रवण ने सुना निमंत्रण देव।
यहाँ उत्सव में मुझे स्वतंत्र
समर्पित कर गीतों का यंत्र॥
शक्ति भर चला गिरा युग हाथ
तुम्हारी जय हो जय हो नाथ।
पूछता हूँ मेरे प्राणेश,
आ गया क्या वह क्षण निःशेष?
पहुँच कर भीतर नाथ अतंद्र
निहारुँगा तेरा मुख चंद्र।
चढ़ा दूँगा निःशब्द प्रणाम
तुम्हारी जय जो सुषमाधाम॥
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