शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (आठ)

By Himanshu Pandey

शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य: 37-48  पूत भयों अस लोलक लइया सबै पुरुखा की बड़ाई बहाई माई की ड्यौढ़ी पै…

सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 71-75)

By Himanshu Pandey

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्यानुवाद समं देवि स्कन्दद्विपवदनपीतं स्तनयुगं तवेदं नः खेदं हरतु सततं प्रस्नुतमुखम्।यदालोक्याशंकाकुलितहृदयो हासजनकःस्वकुम्भौ हेरम्बः परिमृशति हस्तेन झटिति॥71॥ संग…

मैं चिट्ठाकार हूँ, पर गिरिजेश राव जैसा तो नहीं

मैं चिट्ठाकार हूँ, पर गिरिजेश राव जैसा तो नहीं जो बने तो निपट आलसी पर रचे तो जीवन-स्फूर्ति का अनोखा …

माँ की गोद ही चैत्र नवरात्रि है ..

By Himanshu Pandey

एक ज्योति सौं जरैं प्रकासैं कोटि दिया लख बाती। जिनके हिया नेह बिनु सूखे तिनकी सुलगैं छाती। बुद्धि को सुअना…

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