हमारा जो है अपना आप(गीतांजलि का भावानुवाद)
He whom I enclose with my name is weepingin this dungeon. I am ever busy buildingthis wall and around; and…
He whom I enclose with my name is weepingin this dungeon. I am ever busy buildingthis wall and around; and…
चुईं सुधियाँ टप-टपआँखें भर आयीं । कैसे अवगुण्ठन को खोलतुम्हें हास-बंध बाँधा थाकैसे मधु रस के दो बोलबोल सहज राग…
डिग (Digg) पर सफर करते हुए उसके आर्ट्स एंड कल्चर (Art & Culture) वर्ग से इस रोचक चित्रावली का लिंक…
हँसते हुए यह कभी नहीं सोचा था, कि यह हँसी कितनी पुरानी है और किसका अनुकरण कर मानव की हँसी…
साहित्य के अन्तर्गत कवि-समय का अध्ययन करते हुए अन्यान्य कवि समयों के साथ वृक्ष दोहद का जिक्र पढ़कर सहित्य की…
समय की राह सेहटा-बढ़ा कई बारविरम गयी राह ही,मन भी दिग्भ्रांत-साअटक गया इधर-उधर । भ्रांति दूर करने कोदीप ही जलाया…