लोक साहित्य

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शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (चार)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य के चार और कवित्त प्रस्तुत हैं! करुणामयी जगत जननी के चरणों में प्रणत निवेदन हैं…

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शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (दो)

By Himanshu Pandey

माँ के काली स्वरूप की अभ्यर्थना के चार कवित्त पुनः प्रस्तुत हैं। इस भोजपुरी स्तुति काव्य में शुरुआत के आठ…

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शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (एक)

By Himanshu Pandey
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जीवन में ऐसे क्षण अपनी आवृत्ति करने में नहीं चूकते जब जीवन का केन्द्रापसारी बल केन्द्राभिगामी होने लगता है। मेरे…

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हाय दइया करीं का उपाय और सखिया आवा उड़ि चलीं..

By Himanshu Pandey

इधर संवाद-स्वाद, फिर अवसाद के कुछ क्षणों से गुजरते हुए चारुहासिनी की मनुहार से बाबूजी के लिखे कई गीत यूँ…

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