लोक साहित्य

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शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (सात)

By Himanshu Pandey

शैलबाला शतक नयनों के नीर से लिखी हुई पाती है। इसकी भाव भूमिका अनमिल है, अनगढ़ है, अप्रत्याशित है।करुणामयी जगत…

शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (छः)

By Himanshu Pandey

शैलबाला शतक भगवती पराम्बा के चरणों में वाक् पुष्पोपहार है। यह स्वतः के प्रयास का प्रतिफलन हो ऐसा कहना अपराध…

सरस भजन: कब सुधिया लेइहैं मन के मीत

By Himanshu Pandey

कब सुधिया लेइहैं मन के मीत: प्रेम नारायण पंकिल कब सुधिया लेइहैं मन के मीत, साँवरिया काँधा। कहिया अब बजइहैं…

हम तोंहसे कुल बतिया कहली: भोजपुरी कविता

हम तोंहसे कुल बतिया कहली सौ बार इहै मंठा महलीकुल गुर गोंइठा भइले पर तूँ दाँतै निपोर के का करबा? …

भोजपुरी गीत: हमरे आँखी कै लोरवा

भोजपुरी गीत : प्रेम नारायण पंकिल टपकि जइहैं हो हमरे आँखी कै लोरवा । जेहि दिन अँगना के तुलसी सुखइहैं सजनि…

शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (पाँच)

By Himanshu Pandey

प्रस्तुत हैं शैलबाला शतक के चार और कवित्त! करुणामयी जगत जननी के चरणों में प्रणत निवेदन हैं यह चार कवित्त!…

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