एक आदमी, एक गुरु- हाँ, हाँ, ना,ना
मैंने तुम्हें औरतों से बतियाते कभीं नहीं देखाऔर न ही मर्दों से ऐसा सुना- ‘किसी औरत नेबड़ी अदब से तुम्हारा…
कविता श्रेणी के अन्तर्गत छंदबद्ध एवं छंदमुक्त कविताएँ संकलित की गई हैं। साथ ही ग़ज़लें, गीत, हाइकु, दोहे इत्यादि भी इसी श्रेणी में उपश्रेणियाँ बनाकर प्रकाशित की गई हैं। छंदबद्ध कविताओं के अन्तर्गत सुभाषित, भजन, क्रियात्मक गीत एवं संवाद गीत संकलित हैं तथा छंदमुक्त कविताओं के अन्तर्गत मुक्त छंद की कविताएँ, हाइकु एवं लघु कविताएँ संकलित हैं। यह कविताएँ स्वरचित भी हैं तथा अन्य कवियों की भी प्रिय रचनायें किसी विशेष प्रयोजनवश सुविधानुसार प्रकाशित की गई हैं।

मैंने तुम्हें औरतों से बतियाते कभीं नहीं देखाऔर न ही मर्दों से ऐसा सुना- ‘किसी औरत नेबड़ी अदब से तुम्हारा…
एक बाग़ हैअनुभव काउसमें खिले हैं कुछ फूलये फूल बरसों का निदाघझेल कर बड़े हुएये फूल समय के शेष नाम…
अमेरिकी दार्शनिक कवि इमरसन Ralph Waldo Emerson का एक प्रसंग पढ़ रहा था। समय की अर्थवत्ता को ध्वनित करता यह…
क्यों?खो गए हो विकल्प में,चर्चित स्वल्प मेंविस्मृत सुमधुर अतीतक्यों लेकर चलते होबेगाना गीतस्वर्ग की ईच्छा क्योंछोड़ दी तुमनेआख़िर अनसुलझी, अस्तित्वविहीनअनगिनत…
बहुत पहले जब अपने को तलाश रहा था एक कविता लिखी थी- कुछ रूमानी- कसक और घबराहट की कविता। शब्द…