कविता और कविता का बहुत कुछ
१) कविता उमड़ आयी अन्तर्मन में जैसे उतर आता है मां के स्तनों में दूध। २) कविता का छन्दसध गया…
१) कविता उमड़ आयी अन्तर्मन में जैसे उतर आता है मां के स्तनों में दूध। २) कविता का छन्दसध गया…
Hibiscus (Photo : soul-nectar) आंसू खूब बहें, बहते जांय हंसी नहीं आती, पर हंसी खूब आये तो आंखें भर-भर जाती…
मैंने कविता लिखी जिसमें तुम न थे तुम्हारी आहट थी और इस आहट में एक मूक छटपटाहट मैंने कविता लिखीजिसमें…
Rose Bud (Photo credit: soul-nectar) यदि देख सका किसी वस्तु को उसकी पूर्णता में तो रचूंगा जो कुछ वह पूर्णतः…
जो प्रश्न हैं अस्तित्वगत तूं खींच चिन्तन बीच मत बस जी उसे उस बीच चल उससे स्वयं को दे बदल।…
पात-पात में हाथापायी बात-बात में झगड़ा किस पत्थर पर पता नहीं मौसम ने एड़ी रगड़ा। गांव गिरे औंधे मुंह गलियां…