Ramyantar

281   Articles in this Category
Explore

अपने प्रेम-पत्र में यही तो लिखा मैंने….

By Himanshu Pandey

“जीवन के रोयें रोयें कोमिलन के राग से कम्पित होने दो,विरह के अतिशय ज्वार कोठहरा दो कहीं अपने होठों पर,दिव्य…

Exit mobile version