वह ख़त नहीं, दस्तख़त था
एक कागज़ तुम्हारे दस्तख़त का मैंने चुरा लिया था, मैंने देखा कि उस दस्तख़त में तुम्हारा पूरा अक्स है। दस्तख़त…
एक कागज़ तुम्हारे दस्तख़त का मैंने चुरा लिया था, मैंने देखा कि उस दस्तख़त में तुम्हारा पूरा अक्स है। दस्तख़त…
प्रेम पत्रों का प्रेम पूर्ण काव्यानुवाद: चार A Close Shot of Handwritten Love-Letters आँखों से आँसू बह आया, तेरी याद…
बोलो कैसे रह जाते हो तुम बिन बोले जब कोई स्नेही द्वार तुम्हारे आकर तेरा हृदय टटोले। जब भी कोई…
प्रेम पत्रों का प्रेमपूर्ण काव्यानुवाद: तीन A close capture of hand written love letters. तुम शायद झुंझला जाते हो! कर…
प्रश्न स्वयं का उत्तर अपना औरों से पूछा, अपने मधु का स्वाद लुटेरे भौरों से पूछा। जाना जहाँ जहाँ से…
चाहता था न रोऊँ – पर हार कर अब, शोक..