अभी तक मैं चल रहा हूँ, चलता ही जा रहा हूँ
(१) “बहुत दूर नहीं बहुत पास “ कहकर तुमने बहका दिया मैं बहक गया । (२) “एक,दो,तीन…..नहीं शून्य मूल्य-सत्य है…
(१) “बहुत दूर नहीं बहुत पास “ कहकर तुमने बहका दिया मैं बहक गया । (२) “एक,दो,तीन…..नहीं शून्य मूल्य-सत्य है…
मैं समय की पहचान कर रहा हूँ। यह प्रयास विचित्र है। मुझे लगा समय समाज को अतिक्रमित नहीं करता- उसे…
यह कविता तब लिखी थी जब हिन्दी कविता से तुंरत का परिचय हुआ था । स्नातक कक्षा की कविताओं को…
महाराष्ट्र के शनिदेव (राज ठाकरे-Raj Thackeray की बात कर रहा हूँ) हमारे असली शनिदेव से ज्यादा खतरनाक हो गए लगते…
जब ध्वनि असीम होकर सम्मुख हो तो कान बंद कर लेना बुद्धिमानी नहीं जो ध्वनि का सत्य है वह असीम…
I am a ghost. मैं भूत हूँ, ऐसा कहकर अब किसी को डराया नहीं जा सकता। भूत कल्पना का सत्य…