करुणावतार बुद्ध: एक (नाट्य)

By Himanshu Pandey

करुणावतार बुद्ध (प्रथम दृश्य ) (प्रातःकाल की बेला। महल में राजा और रानी चिन्तित मुद्रा में।)   शुद्धोधन:  सौभाग्यवती! कल…

मुक्तिबोध की हर कविता एक आईना है

By Himanshu Pandey

“मुक्तिबोध की हर कविता एक आईना है- गोल, तिरछा, चौकोर, लम्बा आईना। उसमें चेहरा या चेहरे देखे जा सकते हैं ।…

मैं तो निकल पड़ा हूँ…..

By Himanshu Pandey

मैं तो निकल पड़ा हूँ सुन्न एकांत-से मन के साथ जो प्रारब्ध के वातायनों से झाँक-झाँक मान-अपमान, ठाँव-कुठाँव, प्राप्ति-अप्राप्ति से…

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