मुझे मौन होना है
मुझे मौन होना है तुम्हारे रूठने से नहीं, तुम्हारे मचलने से नहीं, अन्तर के कम्पनों से सात्विक अनुराग के स्पन्दनों…
मुझे मौन होना है तुम्हारे रूठने से नहीं, तुम्हारे मचलने से नहीं, अन्तर के कम्पनों से सात्विक अनुराग के स्पन्दनों…
आचारज जी का आह्वान सुन लपके ही थे कि तिमिरान्ध हो गये (यूँ फगुनान्ध होने को बुलाये गये थे)। बिजली…
Clouds heap upon clouds and it darkens. Ah, love, why dost thou let me wait outside at the door all…