Capsule Poetry

21   Articles in this Category
Explore
45

प्यार और मुक्त हृदय

By Himanshu Pandey

वह तुम्हारामुक्त हृदय थाजिसने मुझे प्यार काविश्वास दिया,मैं तुम्हें प्यार करने लगा। मैं तुम्हें प्यार करता थाअपनी समस्त जड़ता सेऊपर…

Exit mobile version