जीवन : एक ’हाइकू’
Life: A Haiku
Life: A Haiku
आज तुम मेरे सम्मुख हो, मैं तुम्हारे ‘आज’ को ‘कल’ की रोशनी में देखना चाहता हूँ। देखता हूँ तुम्हारे ‘आज…
(Photo credit: MarianOne) आज फिर एक चहकता हुआ दिन गुमसुमायी सांझ में परिवर्तित हो गया, दिन का शोर खामोशी में…
दिन गये, तो ठीक न गये, रुके रहे तो और भी ठीक। रात गयी, तो ठीक न गयी, रुकी रही…
विश्वास के घर मेंअमरुद का एक पेड़ थाएक दिनउस पेड़ की ऊँची फ़ुनगी परएक उल्लू बैठा दिखा,माँ ने कहा- ‘उल्लू’पिता…
अगर कभी ऐसा होकि कहीं मिल जाओ तुमतो पूछने मत लगनावही अबूझे, अव्यक्त प्रश्नअपने नेत्रों सेक्योंकि मेरी चुप्पीफ़िर तोड़ देगी,व्यथित…