मेरी समझ नहीं कि ये कमाल कर सकूँ
हर शख्स अपने साथ मैं खुशहाल कर सकूँ मेरी समझ नहीं कि ये कमाल कर सकूँ। फैली हैं अब समाज…
हर शख्स अपने साथ मैं खुशहाल कर सकूँ मेरी समझ नहीं कि ये कमाल कर सकूँ। फैली हैं अब समाज…
ओ प्रतिमा अनजानी, दिल की सतत कहानी कहता हूँ निज बात सुहानी, सुन लो ना। डूबा रहता था केवल जीवन…
फ़ैली हुई विश्वंजली में, प्रेम की बस भीख दे दो विरह बोझिल अंत को स्नेहिल मिलन की सीख दे दो।…
बज गयी दुन्दुभि, परिवर्तन आने वाला है। है निस्सीम अगाध अकल्पित, समय शून्य का यह विस्तार प्रिय देखो वह चपल…
मैं, मैं अब नहीं रहा, तुम ही तो हूँ। बहुत भटकता रहा खोजताअपने हृदय चिरंतन तुमकोजो हर क्षण आछन्न रहेओ…
Jyoti (Photo credit: soul-nectar) तुम ही पास नहीं हो तो इस जीवन का होना क्या है? मेरे मन ने खूब…