Ramyantar

134   Articles in this Category
Explore
5

मैं समर्पित साधना की राह लूँगा…

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

मुझसे मेरे अन्तःकरण का स्वत्वगिरवी न रखा जा सकेगाभले ही मेरे स्वप्न,मेरी आकांक्षायेंसौंप दी जाँय किसी बधिक के हाँथों कम…

4

तुम्हें कौन प्यार करता है ?

By Himanshu Pandey

हे प्रेम-विग्रह !एक द्वन्द्व है अन्तर्मन में,दूर न करोगे ? मेरी चेतना के प्रस्थान-बिन्दु परआकर विराजो, स्नेहसिक्त !कि अनमनेपन से…

35

तुम्हारी याद आती है चले आओ, चले आओ (तुलसी जयंती पर तुलसी-स्मरण )

By Himanshu Pandey

आज तुलसी जयंती है । इन पंक्तियों के साथ इस विराट पुरुष का स्मरण कर रहा हूँ – अहो, नंदन…

8

आज मिललैं श्याम सावनी विहान में (कजरी 3)

By Himanshu Pandey

नाग-पंचमी की शुभकामनाओं सहित कजरी की इस प्रस्तुति के साथ यह कजरी-श्रृंखला समाप्त कर रहा हूँ – आज मिललैं श्याम…

2

बड़ा लागै नीक सखी ना ..(कजरी 2)

By Himanshu Pandey

श्याम हसलैं बोललैं बइठ के नजदीक सखीबड़ा लागै नीक सखी ना ॥ चमकै लिलरा जस अँजोरियादमकै बिजुरी अस दँतुरिया,मोहे अधरन…

Exit mobile version